सार
बरेली से खाकी को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक दरोगा और दो सिपाहियों ने किसान को अगवा कर लिया। इसके बाद किसान को धमकाया, दो लाख रुपये वसूल लिए। पुलिस ने तीनों पर रिपोर्ट दर्ज की है।

विस्तार
पिछले महीने कस्बे में उत्तराखंड पुलिस के छापे के बाद तीनों सीमाएं लांघ रहे थे। स्मैक तस्करी के नाम पर किसी को भी उठाकर रबर फैक्टरी के क्वार्टर में बंद करते थे। सौदेबाजी कर उनको छोड़ दिया जाता था। फतेहगंज थाने की कस्बा चौकी भी वसूली को लेकर चर्चित रही है।
पूर्व में तैनात रहे कई प्रभारियों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। एसआई बलवीर सिंह पूरी तरह से मनमानी पर उतारू था। दरोगा और दोनों सिपाही इंस्पेक्टर प्रदीप चतुर्वेदी की भी नहीं सुनते थे।
इसी कारण पिछले दिनों एसएसपी अनुराग आर्य ने फतेहगंज पश्चिमी थाने का चार्ज प्रशिक्षु आईपीएस मेविस टॉक को दिया था। प्रदीप चतुर्वेदी को यहीं इंस्पेक्टर क्राइम की जिम्मेदारी दे दी गई थी। थाने का चार्ज आईपीएस अधिकारी के हवाले होने के बाद भी चौकी इंचार्ज और सिपाहियों की मनमानी नहीं थमी। एसएसपी तक इनकी शिकायतें पहुंच रही थीं।
कस्बा चौकी प्रभारी बलवीर सिंह, सिपाही हिमांशु तोमर और मोहित कुमार ने दिनदहाड़े घर में घुसकर किसान को अगवा कर लिया। थाने ले जाने के बजाय उसे रबर फैक्टरी के क्वार्टर में बंधक बनाकर रखा। स्मैक तस्करी में जेल भेजने और जीवन बर्बाद करने की धमकी दी। छोड़ने के लिए तीन लाख रुपये मांगे। दो लाख वसूल भी लिए। एसएसपी अनुराग आर्य के आदेश पर फतेहगंज पश्चिमी थाने में तीनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। एसएसपी ने तीनों को निलंबित भी कर दिया है।
फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र के गांव भिटौरा निवासी बलवीर सिंह संपन्न किसान हैं। उन्होंने बताया कि उनका या उनके परिवार का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। इसके बावजूद बृहस्पतिवार दोपहर 1:30 बजे कस्बा चौकी प्रभारी बलवीर सिंह, सिपाही हिमांशु तोमर और मोहित कुमार उनके घर में घुस आए।
एसएसपी के निर्देश पर सीओ हाईवे नीलेश मिश्रा ने मौके पर जांच करने पहुंचे तो चौकी प्रभारी व दोनों सिपाही भाग गए। सीओ ने बलवीर को मुक्त कराया। सीओ की रिपोर्ट के बाद एसएसपी के आदेश पर तीनों के खिलाफ कार्रवाई की गई।